Genre | Saand Ki Aankh |
Language | Hindi |
जय हनुमान ज्ञान गन सागर
जय कपीस तिनहू लोक उजागर
देखेगी ये दुनिया ये वोमनिया हाँ
जब भी ये निकल जाए
सूरज भी पिघल जाए
आसमान को निचे दे झुका
अपने पे आये अगर
पत्थर तितर बितर
किसी का भी तोड़े ये घुमान
धुनकी धुआंधार हो
जिद्द अगर सवार हो
तेरे जैसी ताक़त देखो
यहाँ किसी और और में कहाँ
लिख दे नयी कहानी
अब तू तेरी जुबानी
भूल के बातें पुरानी
की कैसे किसी ने कब था क्या कहा
हो लिख दे नयी कहानी
अब तू तेरी जुबानी
भूल के बातें पुरानी
की कैसे किसी ने कब था क्या कहा
रोके गाँव जवानी
पर तेरी ज़िद्द करारी
टूटी चार दिवारी
तो चल पड़ी है इक नयी हवा
सदाबहार है तू सबसे चमकदार है
तेरी रौशनी में लग रहा है
अब जवान जवां जहां आ
जय हनुमान ज्ञान गन सागर
जय कपीस तिनहू लोक उजागर
जय हनुमान ज्ञान गन सागर
जय कपीस तिनहू लोक उजागर
देखेगी ये दुनिया ये वोमनिया
हाँ हाँ हाँ हो..
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