Genre | Chhichhore |
Language | Hindi |
ना किसी मंजिल की फिकर थी
ज़िन्दगी जीने की उम्र थी
दोस्ती और दोस्तों से उधार के दिन थे
(वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ वो.. ) x 4
बिगड़े हुए इंसान थे
शैतान की संतान थे
हो.. लेकिन brother जो भी कहो
वो यार ही तो जान थे
कॉलेज की कुड़ी से
करने आँखें चार के दिन थे
आये ज़िन्दगी में पहले पहले
प्यार के दिन थे हेय..
वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ वो..
वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ वो..
वो दिन भी क्या दिन थे
ऊ..
करना मना थे काम जो
हमने किया हर काम वो
हम्म.. जिनकी नहीं थी परमिशन
सारे किये इंतेज़ाम वो
बेढ़ब हरक़तों के
भूत सर पे सवार के दिन थे
हद करने के यारों
आर या फिर पार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ वो..
वो दिन भी क्या दिन थे
हिंदी ट्रैक्स
वो ओ वो..
हम्म खरबूजों को खरबूजों की
मिली सी सांगत के अपने वो दिन
हो.. जीवन पे चढ़ी जवानी की
नई सी रंगत के अपने वो दिन
याद है फिल्मों के पुराने
R D Burman के वो गाने
बैंड के कीबोर्ड के
और गिटार के दिन थे
(वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ वो.. ) x 4