Genre | Babloo Bachelor |
Language | Hindi |
हो रब्ब की तरह हर तरफ तुम्ही हो
तुमपे लिखूं क्या हर्फ़ तुम्ही हो
तुमको पढूँ गाऊं मैं
मेरी ढलती शामों में
जो तेरी सुबह घुल जाये
तो रात के सूनेपन की
हर एक गिरह खुल जाये
तुम हो मेरे सारे पहलु में
तुम हो आते जाते चेहरों में
तुमसे पहले जैसे खुशियों
की लज्ज़त थी फ़ीकी फ़ीकी
बेतरतीबी का मेरे जीवन
से नाता था नजदीकी
लेकिन जब से तुम आये हो
लेकिन जब से तुम आये हो
बीत रही है खाब सरीखी
तुम हो मन में उठती
लहरों में
इश्क से लाखों नाम जुड़े हैं
चाहे हो बदनाम मोहब्बत
उम्र से भारी बैचेनी में
जन्मों का आराम मोहब्बत
मुझको अपने रंग में रंग ले
मुझको भी अपने रंग रंग ले
कर लू मैं भी काम महोब्बत
तुम हो चल दूं या फिर ठहरूं मैं
तुम हो आते जाते चेहरों में
हो रब की तरह हर तरफ तुम्ही हो
तुमपे लिखूं क्या हर्फ़ तुम्ही हो
तुमको पढूँ गाऊं मैं
मेरी ढलती शामों में
जो तेरी सुबह घुल जाये
तो रात की सुनेपन की
हर एक गिरह खुल जाये
आ..
तुम हो मेरे सारे पहलु में