Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
वक्त ही कहाँ था तुम्हारे पास
की उन होंठो पर ठहर सको
उन आँखों में उतर सको
अब मैं किसी और की हो चुकी हूँ
जब तेरे करीब थे
कितने खुश नसीब थे
रातें सब चिरागों वाली
सारे दिन ही ईद थे
चाहतें थी चाँद पर
दूरियों की क्या फिकर
जैसे लफ्ज़ और बातें
ऐसे नजदीक थे
तेरी जुदाइयों में बरसे वो नैना भी
सौ दर्द मिलके जिनको रुला ना पाए
तुझे भूलना थो चाहा
लेकिन भूला ना पाए
तुझे भूलना थो चाहा
लेकिन भूला ना पाए
जितना भुलाना चाहा
जितना भुलाना चाहा
तुम उतना याद आए
तुझे भूलना थो चाहा
लेकिन भूला ना पाए
तुझे भूलना थो चाहा
लेकिन भूला ना पाए
जिस रात आँखें सोये सुकून से
वो रात आती क्यूँ नहीं
जिस रात आँखें सोये सुकून से
वो रात आती क्यूँ नहीं
पिछले बरस तू बाहों से जा चुकी
तो दिल से जाती क्यूँ नहीं
हाँ क्यूँ तेरी यादों को अब तक संभाला है
तस्वीर तेरी हम क्यूँ जला ना पाए
तुझे भूलना थो चाहा
लेकिन भूला ना पाए
तुझे भूलना थो चाहा
लेकिन भूला ना पाए
जितना भुलाना चाहा
जितना भुलाना चाहा
तुम उतना याद आए
तुझे भूलना थो चाहा
आ आ हो हो हो हो हो…
भुझने लगा है दिल ख्वाबों में कैसे ये
बैरन हवाएं मई करूँ
हो हो हो हो
अब किसके आगे मैं खोलूं हथेली ये
किस से दुआएं मैं करूँ
हो हो हो हो
कोई खुदा है तू मजबूर क्यूँ है वो
बिछड़े दिलों को वो क्यूँ मिला ना पाए
तुझे भूलना थो चाहा
लेकिन भूला ना पाए
तुझे भूलना थो चाहा
लेकिन भूला ना पाए
तुझे भूलना थो चाहा
कौन कहता है की बिछड़ने में
मोहब्बत की हार है
जो अधूरा रह गया
वो भी तो प्यार है
बस वही तो प्यार है
तुझे भूलना थो चाहा
लेकिन भूला ना पाए