Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
लड़ पड़ा लकीरों से
पर कुछ भी हुआ नहीं
चलो ये मान भी लिया
अब तू मेरा नहीं
तू मेरा नहीं
चला गया मैं दूर
तूने भी रोका नहीं
आ… आ…
दूर जाने पे तेरे
पास आता था मैं
रूठ जाने से तेरे
सर झुकता था मैं
बिन तेरे ज़िन्दगी का
मैं क्या करूँ
किस तरह मान लूँ
तू मेरा
मैं वहीं पे था
मगर तूने ही देखा नहीं
तेरी ख़ुशी को देख कर
मैंने कुछ कहा नहीं
लड़ पड़ा लकीरों से
पर कुछ भी हुआ नहीं
चलो ये मान भी लिया
अब तू मेरा नहीं
क्यूँ मेरा नहीं
चला गया मैं दूर
तूने भी रोका नहीं
ओ… आ… आ…
आ… आ…