Genre | Badshah |
Language | Hindi |
जब तू नहीं था यहाँ तो गम नहीं था
आदत तेरी लगने तक सब कुछ सही था
आया तू ज़िन्दगी में बनके सितम सा
हाँ इक सितम सा
इक तेरे प्यार ने ऐसे दिए ज़ख्म
ना ही तो जी सके ना ही मरे है हम
इक तेरे प्यार ने ऐसे दिए ज़ख्म
ना ही तो जी सके ना ही मरे है हम
इक तेरे प्यार ने
जिस दिन पहली बार देखा तुझको
कोसू उस दिन को मैं
क्यों लड़ते हो इसका जवाब दूँ
किन किन को मैं
आँखें चेहरे में धस गयी हैं
कोई रौनक नैइ लगता हूँ साइको
मिलता हूँ जिन जिनको मैं
छोटी छोटी बात पे लड़ने का मन करे
जिससे भी मिलूँ मैं झगड़ने का मन करे
रहती एक Anxiety सी चौबीस घंटे
मरने का मन करे
क्यों है इतनी गन्दगी
ना तुझको पता ना मुझको पता
कुछ तो बचा है क्या तेरे मेरे बीच में
तू ये मुझको बता
मैं तुझसे प्यार करना चाहता हूँ
पर और नहीं हो पा रहा
आँखें सूख गयी हैं मेरी
और नहीं रो पा रहा
चाहता हूँ के आंसू आएं
आने बंद हो गए हैं
तुझको जाते थे जो रस्ते
सारे बंद हो गए हैं
लड़ना भी मैं चाहता हूँ
खा के कहता हूँ कसम
इस बहाने अपने में कुछ
तो रहेगा कम से कम
तू भी मुझको गाली दे
मुझपे चिल्लाये मुझपे चीखे तू
लड़के घर से बाहर जाए
मैं आऊं तेरे पीछे
व्हाट्सप्प पे मुझको और मेरी
फॅमिली को ब्लॉक कर
मुझे गन्दी गन्दी बातें बोल
खुद को रूम में लॉक कर
मैं खड़खटा रहूं दरवाज़ा
और तू खोले ना
मैं खोलने को बोलता रहूं
और तू कुछ बोले ना
तूने ये किया तो मैं ये कर लूँगा
हम चिल्लाएं
दोनों को इक दूजे की फिर गलतियां हम गिनवाएं
थक कर फिर रोते रोते रोते दोनों सो जाएं
क्यों ना हम इक दूजे से फिर अनजाने हो जाएं
छोटी छोटी बातें अब अंदर से खाने लगी हैं
जान मेरी अब मेरे अंदर से जाने लगी है
दोनों में नेगेटिविटी हर दिन आने लगी है
पहले प्यार आया करता था
अब घिन आने लगी है
पहले प्यार आया करता था
अब घिन आने लगी है
पहले प्यार आया करता था
अब घिन आने लगी है
इक तेरे प्यार ने ऐसे दिए ज़ख्म
ना ही तो जी सके ना ही मरे है हम
इक तेरे प्यार ने ऐसे दिए ज़ख्म
ना ही तो जी सके ना ही मरे है हम
इक तेरे प्यार ने