Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
क्यूँ इस तरह शाम ढलती है
सुबह सुबह..
आहा..
धुल गया चाँद जैसे
हल्का हल्का..
आहा..
बिन कहे आने लगा
बातों का मज़ा जैसे..
बर्फ जैसे चलने लगे
साँसों में धुंआ जैसे
नीदों में खुशबूएं
रंगों में बारिशें
फिर चढ़ी बिन
ऐसा है ओ
तेरा नशा
तेरा नशा