Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
कुछ यादें जो तेरी बाकी हैं
जो दिल को बोहत सताती हैं
काटे से नहीं कटता लम्हा
क्यूँ देदी तन्हाई
कुछ बातें जो तेरी बाकी है
जो हमको बहोत रुलाती हैं
जीने को नहीं अब दिल करता
क्यूँ देदी तन्हाई
ऊऊ…
वो हाथ जो कल तक हाथ में था
अब छूने से कतराता है
हर लम्हा कल तक साथ में था
अब मिलने तक नहीं आता है
ये सोच के नींद न आती है
और दिल में एक उदासी है
क्यूँ तूने किया हमको तन्हा
क्यूँ देदी ये जुदाई
होठों पे हसी ना आती है
आँखें भी नम हो जाती हैं
अच्छा ही नहीं लगता जीना
क्यूँ देदी ये जुदाई
इस इश्क में तेरे हाथों से
यही चीज़ हमें मिल पाई है
क्यूँ देदी तूने जुदाई है
क्यूँ देदी तन्हाई
ऊऊ…
तन्हाई है हमसफ़र
तन्हाई है हर डगर
तन्हाई है हर पहर
तन्हाई शामों शहर
तन्हाई है हर तरफ
तन्हाई है हद ए नज़र
तन्हाई है अर्श तक
तन्हाई है अब फर्श तक
मेरे हिस्से में हिस्से में
ग़म ही आये हैं
तेरे हिस्से में हिस्से में खुशियाँ
मेरी आँखों में आँखों में
अश्क आये हैं
तेरे होठों पे होठों पे हँसना
टूटा है बहोत ये दिल मेरा
आसूं है बड़ी तन्हाई है
जब से तेरी बाहों में हमें
आने की हुई मनाही है
“वक़्त सिखा देता है
इश्क में तन्हाई को सहना
पर ज़िन्दगी में किसी को भी रब
तन्हाईयाँ ना देना”