Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
मंज़िलों की है प्यास बाक़ी
दिल की है अरदास बाक़ी
इक नया इम्तेहाँ है अभी
चल गिर के उठ जा तू फिरसे जुट जा
तिनके तिनके जोड़ कर बना पूल
उस पार जा
जुग जुग जियो रे राजा
जुग जुग जियो रे राजा
जुग जुग जियो रे भैया रे
धूल की चादर में लिपटी
गाल चुके काग़ज़ में सिमटी
थी पड़ी कबसे यहाँ ज़िंदगी
जिसके ख़ातिर इतना तरसे
ढूँढते थे उम्र भर से
आ गयी हाथ वो हाँ ज़िंदगी
जीते तूने ख़ुदको जीता हारी दुनिया
कहती है तुझसे अब ये सारी दुनिया
जुग जुग जियो रे राजा
जुग जुग जियो रे राजा
जुग जुग जियो रे भैया रे