Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
लगता था बस यहीं पहुँचाएगी
मंज़िल-ए-सफर तक
खोज पूरी हो गयी
शायद ऐसा एहसास हो गया था
उंदर के दर्द
अभी कुछ देर पहले तक दुखते थे
गिरने वाले तो ना थे हम कभी
गिरानेवाले का हुनर तो देखिये
हम ने आह भी करी
तो हमे ही सुनाई ना दी
पिघलते गए
उसकी साँसों में हरपल
सामने वो था
तो हर सब्र खो बैठे
सिर्फ चाहा
की वो चाहे मुझे इतना
जितना मैंने उसको चाहा
हौले से कब हुआ है
किसी और का होकर
सिर्फ मेरी और देख कर कहा
की कमी है तेरी
हल्के सी मज़ाक बन कर रह गए
खुद्दारी मेरी
अब ना होगा मुझसे
ये खेल दोबारा
ज़हर वेख के पीता
ते की कीता
इश्क़ सोच के कीता
ते की कीता
दिल देके
दिल लेने दी
आस रखी वे बुल्लेया
वे बुल्लेया
प्यार वी लालच नाल कीता
ते की कीता
पर तुम में शायद कुछ खास है
तुम्हारी आंखो में
बच्चों की सी आस है
तुम्हारी आंखो के शीशे में
मेरा चेहरा दिखा है मुझे
मेरे चेहरे की रंगत
क्या खूब दिखती है इनमें
सोचते हैं
अब इन्हीं में रेहेंगे
ज़हर वेख के पीता
ते की कीता
ईश्क़ सोच के कीता
ते की कीता
दिल देके
दिल लेने दी
आस रखी वे बुल्लेया
वे बुल्लेया
प्यार वी लालच नाल कीता
ते की कीता
चल ज़िंदगी
मैं इश्क़ के जुएं के लिए
फिर तैयार हूँ
सारी बाज़ियाँ तू खेल
फिर मुझको मिट्टी में रहने दे
सब करके देखा
इश्क़ में ही छुपी इबादत है
वक़्त अगर ज़िंदगी
तो इश्क़ खुदा है
हरपल में इश्क़
मिट्टी में इश्क़
हवाओं में और क्या है बाकी
इश्क़ खुदा है.. इश्क़ खुदा है..