Genre | Old Songs Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
कह डालीं कितनी बातें अनकही
अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डालीं कितनी बातें अनकही
अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं
अजब इत्तिफ़ाक़ है
ऐसी मिली दो निगाहें
मिलती है जैसे दो राहें
जागी ये उल्फ़त पुरानी
गाने लगी हैं फ़िज़ाएँ
हा आ… ऐसी मिली दो निगाहें
मिलती है जैसे दो राहें
जागी ये उल्फ़त पुरानी
गाने लगी हैं फ़िज़ाएँ
प्यार की शहनाईयाँ बज गईं
अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं
अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डालीं कितनी बातें अनकही
अजब इत्तिफ़ाक़ है
एक डगर पे मिले हैं
हम-तुम दो हम-साये
ऐसा लगा तुमसे मिलकर
दिन बचपन के आए
हा आ.. एक डगर पे मिले हैं
हम-तुम दो हम-साये
ऐसा लगा तुमसे मिलकर
दिन बचपन के आए
वादियाँ उम्मीद की सज गईं
अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं
अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डालीं कितनी बातें अनकही
अजब इत्तिफ़ाक़ है
पहले कभी अजनबी थे
अब तो मेरी ज़िन्दगी हो
सपनों में देखा था जिसको
साथी पुराने तुम्ही हो
हो ओ.. पहले कभी अजनबी थे
अब तो मेरी ज़िन्दगी हो
सपनों में देखा था जिसको
साथी पुराने तुम्ही हो
बस्तियाँ अरमान की बस गईं
अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं
अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डालीं कितनी बातें अनकही
अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं
अजब इत्तिफ़ाक़ है