Genre | Virgin Bhanupriya |
Language | Hindi |
दिल अपनी हदों से निकल कर
तेरी हद्द में जा बैठा है
जा बैठा है..जा बैठा है..
बस इसी ज़िद में उलझकर
हर हाल तू.. तू मेरा है
तू मेरा है
तू मुझको ओह जीने ना दे
में तुझको ओह जीने ना दूं
ये इश्क़ है तो इश्क़ है
और कुछ भी होने ना दूं
मैं मुझको ओह खोने ना दूं
तू ही तू ओ होने लगूं
ये इश्क़ है तो इश्क़ है
और कुछ भी होने ना दूँ
दिल अपनी हदों से निकल कर
तेरी हद्द में जा बैठा है
जा बैठा है
दरिया सी बह ना जाऊँ
तेरा मैं किनारा चाहूँ
थाम ले आ थाम ले तू मुझको
खुद को गवाना चाहूँ
तुझमें समाना चाहूँ
भर ले ना बाहों में मुझको
दरिया सी बह ना जाऊँ
तेरा मैं किनारा चाहूँ
थाम ले आ थाम ले तू मुझको
खुद को गवाना चाहूँ
तुझमें समाना चाहूँ
भर ले ना बाहों में मुझको
हाँ मौका भी है
मर्ज़ी भी है दोनों भी है
मन तेरा भी है मेरा भी है
पागलपन करें चल
तू मुझको ओह जीने ना दे
में तुझको ओह जीने ना दूं
ये इश्क़ है तो इश्क़ है
और कुछ भी होने ना दूँ