Genre | Ujda Chaman |
Language | Hindi |
ना जुल्फों की छैयाँ खिली है धूप दैया
वे नज़रें हो स्लाइड मेरे रूप ते..
सबके लबों पे यही बात, देखो जी चाँद निकला
चाहे हो दिन या हो रात, देखो जी चाँद निकला
हो.. चमके रे चमके रे चमके ये चिकनी सड़किया
नाई का खर्चा ना माँगे बावरिया
देखे जो बोले यही बात
देखो जी चाँद निकला
हो साझे पतझड़ मन पिहु पिहु बोल वे
बाल जंजाल छूटते नचू दिल खोल के
रे वैरी ये जमाना ताना मारा हरजाई वे
बंजर ज़मीन ये है मेरी कमाई वे
मचाए धूम सैयाँ
जहाँ भी पहुच गइया
हो छाया है माचो वाला मूड वे
सबके लबों पे यही बात
देखो जी चाँद निकला
चाहे हो दिन या हो रात
देखो जी चाँद निकला
हो दर्पण भी बोले तू मीठा बताशा
बिन बदली के भी तू है तमाशा
देखे जो बोले यही बात
देखो जी चाँद निकला
हमम.. मतवारा फिरू मैं तो आसमान ओढ़ के
हन कारे कारे बद्रा ना छाए घनघोर वे
मतवारा फिरू मैं ता आसमान ओढ़ के
हरियाली निगोडी हाए पल्ला साड्डा छड गयीआं
अरे जो भी होया चंगा
हुन कंघे दी वी लोड नहींआं
ना जुल्फों की छैयाँ
खिली है धूप दैया
हो मूड बना है जैसे डूड वे हाए
सबके लबों पे यही बात
देखो जी चाँद निकला
चाहे हो दिन या हो रात
देखो जी चाँद निकला
हो सोहना लगे है रे गंजा ललनवा
अपनी ही धुन में ये खुश है मगनवा
देखे जो बोले यही बात
देखो जी चाँद निकला
चाँद निकला.. चाँद निकला.. चाँद निकला..