Genre | Gulabo Sitabo |
Language | Hindi |
फटी अचकन के धागों पे लटके बुढ़ऊ
फटी अचकन के धागों पे लटके बुढ़ऊ
सांसें अटकी है फिर भी देखो ना सुधरे बुढ़ऊ
खटके जमाने की आंखों में
उलझे घटरी की गांठों में
गली गली नुक्कड़ पे बाज़ारों में
सेर सपाटा करे
फटी अचकन के धागों पे लटके बुढ़ऊ
सांसें अटकी है फिर भी देखो ना सुधरे बुढ़ऊ
खाली थाली में गाली गाली परोसे
बातों में दुनाली
खाली थाली में गाली गाली परोसे
बातों में दुनाली
अठन्नी रुपया का कमाए निवाला नखरे बेमिशाली
कमरिया लचकाती नजरिया मटकती
और मटके बुढऊ..
फटी अचकन के धागों पे लटके बुढ़ऊ
सांसें अटकी है फिर भी देखो ना सुधरे बुढ़ऊ
आ..आ..
खुद ना सोये नींदों को सुलाए चले
ये तो ख्वाबों को ओढ़े बिछाए चले
छुपा दाढ़ी में तिनका घूमे
ओह देखो gh ओह देखो अड़ियल बुढऊ
फटी अचकन के धागों को बुन ले बुढ़ऊ
अरे बुन ले बुढऊ..बुढऊ..बुढऊ..रे..
ओ.. बुढऊ.