Genre | Hindi Lyrics |
Language | Hindi |
तुझसे ही जीना सिखियां
यादां तू जिनियाँ दित्तियां
रखियाँ मैं सजना साम्भ के
आती हो तो बारिश लेते आना
जी भर के रोने का दिल करता है
रहती है ये ख्वाहिश होठों पर ही
जब भी ये दिल मेरा जो भरता है
कुछ ख्वाब हैं लिखे खतों में
तुमको सौप दूं
उस दर्द की जमीन पे
मैं खुद को रोंप दूं
हु…
चिठियाँ तू चिठियाँ लिखियां
गल्लां जो मिठियां लिखियां
रखियाँ मैं सजना साम्भ के
तुझसे ही जीना सिखियां
यादां तू जिनियाँ दित्तियां
रखियाँ मैं सजना साम्भ के
वक़्त की थी हमसे कुछ नाराज़गी
कह ना सके हम वो बातें आज भी
जिनको लिए हम तुम हो गये जुदा
फिर भी वो लम्हे तुम लेते आना
आधे अधूरे से जो छूटे थे
तारे भी वो सारे लेते आना
जो हमने देखा था की टूटे थे
कुछ चल रहा है साथ साथ
और है कुछ थमा
गम बेह रहा है आस-पास
और है कुछ जमा
हम्म…
चिठियाँ तू चिठियाँ लिखियां
गल्लां जो मिठियां लिखियां
रखियाँ मैं सजना साम्भ के
तुझसे ही जीना सिखियां
यादां तू जिनियाँ दित्तियां
रखियाँ मैं सजना साम्भ के
ओ… ओ…